सेतुबन्ध् रामेश्वरम्
सेतुबन्ध रामेश्वरम भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह दक्षिण भारत के सबसे अधिक पूजनीय शिव मंदिरों में से एक है और लगभग दुनिया भर के हिन्दू विश्वासियों के लिए एक पवित्र स्थल है।
सेतुबन्ध रामेश्वरम का नाम उस सेतुबन्ध से लिया गया है जो श्रीराम ने अपनी अवतार काल में बनवाया था। यह सेतुबन्ध तमिलनाडु के पेस्चिमी तट से श्रीलंका तक फैला हुआ है और इसे पार करने के लिए हिन्दू धर्म के अनुयायी श्रद्धापूर्वक यहां आते हैं।
सेतुबन्ध रामेश्वरम मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। इस मंदिर में शिवलिंग के अलावा मां पार्वती, हनुमान और विभिन्न अन्य देवताओं की मूर्तियां भी हैं। मंदिर का आकार बहुत बड़ा है और इसके भीतर शिवलिंग के लिए दो कमरे हैं। इसके अलावा, मंदिर में एक संत ने शिव के चारों तरफ छोटे छोटे मंदिर बनवाया है।
सेतुबन्ध रमेश्वरम् (Rameswaram) भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम नगर में स्थित एक पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल है। इस मंदिर को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह मंदिर रामायण के कुछ अध्यायों में वर्णित है। राम और सीता ने अपने वनवास के दौरान रामेश्वरम में शिवलिंग पूजा की थी। मान्यता है कि इसी स्थान पर हनुमान ने अपनी सेना को बनाकर लंका जाने के लिए उत्तरी समुद्र को पार किया था।
इस मंदिर में दक्षिण भारत की स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। इसकी शिखर ऊंचाई में 53 मीटर तक है। मंदिर के भीतर एक बड़े शिवलिंग के अलावा, एक अलग ढंग से बनी मूर्तियां भी स्थापित हैं। इसके अलावा, मंदिर के आस-पास एक तालाब होता है, जो यात्रियों को अत्यंत पवित्र धार्मिक अनुभव प्रदान
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