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रविवार, 2 जुलाई 2023
सोमवार, 10 अप्रैल 2023
सेतुबन्ध रमेश्वरम
सेतुबन्ध् रामेश्वरम्
सेतुबन्ध रामेश्वरम भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह दक्षिण भारत के सबसे अधिक पूजनीय शिव मंदिरों में से एक है और लगभग दुनिया भर के हिन्दू विश्वासियों के लिए एक पवित्र स्थल है।
सेतुबन्ध रामेश्वरम का नाम उस सेतुबन्ध से लिया गया है जो श्रीराम ने अपनी अवतार काल में बनवाया था। यह सेतुबन्ध तमिलनाडु के पेस्चिमी तट से श्रीलंका तक फैला हुआ है और इसे पार करने के लिए हिन्दू धर्म के अनुयायी श्रद्धापूर्वक यहां आते हैं।
सेतुबन्ध रामेश्वरम मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। इस मंदिर में शिवलिंग के अलावा मां पार्वती, हनुमान और विभिन्न अन्य देवताओं की मूर्तियां भी हैं। मंदिर का आकार बहुत बड़ा है और इसके भीतर शिवलिंग के लिए दो कमरे हैं। इसके अलावा, मंदिर में एक संत ने शिव के चारों तरफ छोटे छोटे मंदिर बनवाया है।
सेतुबन्ध रमेश्वरम् (Rameswaram) भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम नगर में स्थित एक पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल है। इस मंदिर को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह मंदिर रामायण के कुछ अध्यायों में वर्णित है। राम और सीता ने अपने वनवास के दौरान रामेश्वरम में शिवलिंग पूजा की थी। मान्यता है कि इसी स्थान पर हनुमान ने अपनी सेना को बनाकर लंका जाने के लिए उत्तरी समुद्र को पार किया था।
इस मंदिर में दक्षिण भारत की स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। इसकी शिखर ऊंचाई में 53 मीटर तक है। मंदिर के भीतर एक बड़े शिवलिंग के अलावा, एक अलग ढंग से बनी मूर्तियां भी स्थापित हैं। इसके अलावा, मंदिर के आस-पास एक तालाब होता है, जो यात्रियों को अत्यंत पवित्र धार्मिक अनुभव प्रदान
वाराणशी का ऐतिहासिक माहत्व
बनारस, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक प्राचीन शहर है जिसे वाराणसी भी कहा जाता है। यह शहर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। बनारस दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है और इसे शिव का नगर भी कहा जाता है। यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार रहती है जो इस शहर को भारत की धार्मिक राजधानी बनाती है।
बनारस का इतिहास बहुत पुराना है। इसे वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है जो ऋषि विश्वामित्र के नाम पर रखा गया था। वाराणसी का इतिहास 800 ई० पु० वर्ष पूर्व तक जाता है। यह शहर धर्म, शिक्षा, कला और संस्कृति के केंद्र में से एक है।
बनारस के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर बनारस की सबसे प्राचीन इमारतों में से एक है और इसे मुगल शासक अकबर ने बनवाया था। यह मंदिर हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है।
वाराणसी, भारत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध शहर है। इसका पुराना नाम काशी है और यह एक प्राचीन शहर है जिसे भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। वाराणसी विश्व के सबसे पुराने शहरों में से एक है जो लगभग 3000 साल पुराना है।
वाराणसी का इतिहास अत्यंत विस्तृत है और इसे विभिन्न युगों के दौरान विभिन्न राजाओं और संस्थाओं के अधीन रहना पड़ा। इसका इतिहास धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसे हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है जहां लोग धर्मिक अनुष्ठान तथा संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों के लिए जाते हैं।
वाराणसी का इतिहास मौर्य वंश, गुप्त वंश, मुगल शासक और ब्रिटिश शासन के दौरान संघर्षों का गवाह है। इस स्थान को संस्कृत शिक्षा और धर्मीय अनुष्ठान का केंद्र माना गया है।
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